महासमुंद
जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने हेतु “आदि कर्मयोगी” नामक नई पहल की गई है। इस अभियान के अंतर्गत विकासखण्ड स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ आज बसना विधायक श्री सम्पत अग्रवाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ हेमंत नंदनवार, अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी सचिन भूतड़ा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शिल्पा साय सहित राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स, जनजाति समुदाय के प्रतिनिधि, विकासखण्ड स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स और स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक सम्पत अग्रवाल ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान वास्तव में एक परिवर्तनकारी राष्ट्रीय आंदोलन है। जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास दूरदर्शी आव्हान का प्रतीक है तथा विकसित भारत के व्यापक रूपरेखा है। उन्होंने कहा कि आज ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण जिसमें जिले के जनजाति समुदायों को शासन की विभिन्न योजनाओं का वास्तविक लाभ और उनकी समस्याओं को नजदीक से जानने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। निश्चित ही यह प्रशिक्षण कार्यक्रम समाज के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि धरती आबा जनजाति कार्यक्रम में अब योजनाएं उनके समग्र विकास के लिए बनेंगी।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हेमंत नंदनवार ने कहा कि पहले योजनाएं ऊपर से नीचे की ओर आती थी। इस कार्यक्रम में अब योजनाएं धरातल पर बनेगी और इसका क्रियान्वयन के लिए जनसमुदाय भी आगे आएंगे। उन्होंने बताया धरती आबा जनभागीदारी अभियान के तहत जनजाति गौरव वर्ष के एक भाग के रूप में आदि कर्मयोगी अभियान के लिए रणनीति बनाई गई। जिसमें जनजाति समुदायों को मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा गया। उन्होंने बताया कि महासमुंद जिले में इस अभियान की सफल क्रियान्वयन के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य योजना तैयार की जा रही है।
ज्ञात है कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण में जिले के पांचों विकासखण्ड से 50 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान प्रेरणादायक शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। इसके पूर्व जिले की 6 अधिकारियों को राज्य स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। यह प्रशिक्षण 1 से 3 सितम्बर तक जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि आदिवासी विकास विभाग द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाभियान (पीएम जनमन) और धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान संचालित किए जा रहे हैं। जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति (कमार) के लिए 9 अलग अलग मंत्रालयों के 11 प्रकार के कार्यों से संतृप्ति का कार्य किया जा रहा है। जनमन योजना अंतर्गत जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति कमार के 77 बसाहटों के 940 परिवारों (3306 जनसंख्या) को आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता, जाति प्रमाणपत्र जैसे जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही सामुदायिक उत्थान हेतु प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ पेयजल, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी विकास किया जा रहा है। वहीं धरती आबा अभियान अंतर्गत जिले के 308 जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में 17 मंत्रालयों की 25 योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
अभियान के तहत विकास कार्यों को तीन स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा। जिसमें पहला आदि कर्मयोगी तैयार करना। इनमें राज्य, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। दूसरे क्रम में आदि सहयोगी की टीम बनाई जाएगी। जिसमें शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, चिकित्सक, युवा नेता, सामाजिक मुखिया आदि जो ग्राम स्तर पर योजना क्रियान्वयन में सहयोग करेंगे। तीसरे क्रम में आदि साथी, वे हितग्राही जिन्हें योजनाओं का सीधा लाभ दिया जाना है। कलेक्टर ने सभी विभागों को सौंपे गए दायित्वों का निर्वहन निर्देशानुसार करने कहा है।