क्रांति गौड़ को महिला क्रिकेट विश्व कप में योगदान के लिए प्रदेश सरकार की 1 करोड़ की घोषणा

क्रांति गौड़ को महिला क्रिकेट विश्व कप में योगदान के लिए प्रदेश सरकार की 1 करोड़ की घोषणा

 छतरपुर

भारतीय महिला क्रिकेट ने रविवार को आखिकार 47 साल के इंतजार के बाद इतिहास रच दिया। इंडिया विमेंस क्रिकेट टीम ने फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया। भारतीय टीम की जीत में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्रांति गौड़ भी हैं। जिनके लिए एमपी सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है।

क्रांति गौड़ को 1 करोड़ रुपए देगी सरकार

सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की बेटियों और देश की बेटियों ने जिस तरह से भारत और दक्षिण अफ्रीका के फाइनल में धूम मचाई है, उसके लिए वे सबको बधाई देते हैं। छतरपुर की बेटी ने मान बढ़ाया है। सभी खेलों में एमपी के युवा खिलाड़ियों की भूमिका इसी तरह से रहेगी, इसके वे उम्मीद करते हैं और भविष्य में भी राज्य सरकार प्रोत्साहित करती रहेगी।

छतरपुर की रहने वाली हैं क्रांति

23 वर्षीय क्रांति गौड़ छतरपुर के घुवारा की रहने वाली हैं। उन्होंने वर्ल्ड कप के 6 मैचों में 9 विकेट चटकाए हैं। क्रांति के पिता मुन्ना गौड़ पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उनकी माता गृहिणी हैं। इधर, महिला भारतीय टीम की जीत के बाद बीसीसीआई ने टीम को 51 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। 

पिता की नौकरी गई…परिवार ने की मजदूरी, अब ताबड़तोड़ विकेट लेकर रच दिया इतिहास

2 नवंबर 2025 को भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों ने वह कर दिखाया जो लंबे अरसे तक सिर्फ़ एक सपना लगता था। मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में महिला आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर इतिहास रच दिया।

भारतीय महिला टीम पहली बार वर्ल्ड कप चैंपियन बनी। बता दें कि भारत अब ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बाद महिला वर्ल्ड कप जीतने वाली चौथी टीम बन गई। इस खेल में मध्यप्रदेश के छतरपुर की क्रांति गौड़ ने नाम रोशन कर दिया है। पाकिस्तान के साथ हुए मैच के बाद से क्रांति गौड़ सुर्खियों में छा गई। क्रिकेट वर्ल्ड कप में 9 विकेट लेने वाली क्रांति का जीवन संघर्षों में बीता है।

परिवार पर टूटा था मुश्किलों का पहाड़

छतरपुर जिले के छोटे से कस्बे घुवारा की रहने वाली 22 साल की क्रांति गौड़ का बचपन आसान नहीं था। क्रांति के पिता मुन्ना सिंह गौड़ आरक्षक थे। किसी कारणवश उनकी नौकरी चली गई। जिसके बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। क्रांति को बचपन से क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। वे अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं।

उनके दोस्त बताते है कि वो हम सबमें बहुत छोटी थी लेकिन उसकी बॉलिंग स्पीड बहुत तेज थी। जिसके कारण सारे खिलाड़ी उससे डरते थे। घर के सामने ही एक छोटा सा मैदान है जहां क्रांति दोस्तों के साथ प्रैक्टिस करती रहती थी। अब वे देश के लिए खेल रही हैं। हम सबको इस बात का गर्व है।

ले चुकी हैं 9 विकेट

बता दें कि क्रांति गौड़ अब तक क्रिकेट वर्ल्ड कप में 9 विकेट ले चुकी हैं। हालही में खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान का महत्वपूर्ण विकेट लेकर उन्होंने भारतीय टीम को बड़ी जीत दिलाई थी। पाकिस्तान के साथ खेले गए मैच में भी क्रांति ने तीन विकेट जड़े थे। उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' से नवाजा गया।

मिलेगा 1 करोड़ का पुरस्कार

क्रांति के शानदार प्रदर्शन से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अत्यंत प्रसन्न नजर आए और उन्होंने क्रांति गौड़ को 1 करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा की है। सीएम मोहन यादव ने भारत की महिला क्रिकेट टीम को शानदार जीत के लिए बधाई दी। 

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