रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा नवा रायपुर, अटल नगर तूता स्थित पंडित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी व्यावसायिक परिसर, मेला स्थल में 1 से 5 नवम्बर तक राज्योत्सव का आयोजन किया गया। इस मेला में कृषि एवं संवर्गीय विभागों द्वारा 25 वर्षों की विकास यात्रा की थीम पर कृषि मॉडल प्रदर्शनी लगाई गई।
आम जनता द्वारा इस प्रदर्शनी को काफी प्रशंसा एवं सराहना मिली। 05 दिवसीय स्थापना दिवस कार्यक्रम में जुरी कमेटी द्वारा कृषि विभाग के प्रदर्शनी को द्वितीय स्थान के लिए चयनित किया गया। राज्योत्सव के समापन समारोह के मौके पर उप राष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन के हाथों विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार ने पुरस्कार ग्रहण किया। कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने विभाग की इस सफलता के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। पुरस्कार मिलने से अधिकारी-कर्मचारी भी उत्साहित हैं। इस मौके पर कृषि विभाग के संचालक श्री राहुल देव सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि राज्योत्सव में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी तथा संवर्गीय विभाग -उद्यानिकी, पशु पालन, मछली पालन, कृषि अभियांत्रिकी, राष्ट्रीय जलग्रहण, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर एवं कामधेनु विश्वविद्यालय तथा सम्बंधित संस्थाओं द्वारा इन 25 वर्षों के विकास यात्रा की थीम पर कृषि मॉडल का प्रदर्शन किया गया।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्थापना वर्ष 2000 से वर्ष 2025 तक 25 वर्षो में केन्द्र शासन एवं राज्य शासन द्वारा संचालित विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं के द्वारा हुए विकास का जीवंत प्रदर्शन करते हुए स्टॉल लगाया गया, जिसमें कृषि विभाग द्वारा प्राकृतिक खेती, किसान सम्मान निधि, ड्रोन द्वारा उर्वरक छिड़काव, बीज वितरण व विपणन की नवीन व्यवस्था, भूमि संरक्षण द्वारा वर्षा जल संरक्षण आदि को प्रदर्शित किया गया।
उद्यानिकी विभाग द्वारा पुष्पों की प्रदर्शनी एवं सब्जियों तथा फलों की उन्नत किस्म का प्रदर्शन किया गया। पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के उन्नत नस्ल एवं दुग्ध उत्पादन तथा मछली पालन विभाग द्वारा बायोफ्लॉक एवं केजकल्चर द्वारा मछलीपालन की नवीन तकनीक के साथ सजावटी मछलियों का प्रदर्शन किया गया। कृषि अभियांत्रिकी द्वारा कृषि में प्रयोग की जाने वाली उन्नत कृषि तकनीक से लैस कृषि यंत्रों को जनता के लिए प्रदर्शित किया गया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के अनुकूल तथा अधिक उत्पादन देने वाली विभिन्न फसल किस्मों के साथ स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित जैविक उत्पाद का प्रदर्शन किया गया था।