पहाड़ी पर स्थित है देवी जीवदानी का मंदिर, यहीं पर पांडव ने भी की थी माता की अराधना

नयगांव के अलावा विरार में भी एक मंदिर है. जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. मां जीवदानी का मंदिर विरार में जीवदानी नामक पहाड़ी पर स्थित है. यह पहाड़ विरार का सबसे महत्वपूर्ण स्थल है. यह देवी जीवदानी के अपने एकमात्र मंदिर के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं, यहां माता के दर्शन के लिए जो लगभग 1300 से भी अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. विरार के पूर्वी हिस्से में एक बड़े से पहाड़ी पर यह मंदिर है. यहां से पूरा मुंबई और नवी ठाणे दिखता है.

Local 18 से बात करते हुए चंडिका मंदिर के पुजारी पवन पाठक ने बताया कि चंद्रपाड़ा में स्थित चंडिका मंदिर में भी पांडव पधारे थे, हालांकि ठाणे में यह इकलौता मंदिर नहीं है. जहां पांडवों ने देवी के दर्शन किए. इसके अलावा जीवदानी पहाड़ी पर भी पांडवों ने जीवदानी माता की स्थापना की. इस मंदिर को पांडवों ने अपने वनवास के समय में बनाया था. इस मंदिर पहले से बहुत ऋषि आते जाते रहे हैं. आज भी यहां अनेकों ऋषि और योगी मंदिर दौरे के समय यहां रहते हैं. इस मंदिर को लेकर और भी बहुत सी कहानियां हैं.

17वीं सदी से है मंदिर का इतिहास
मंदिर कि सीढ़ियों पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों के मुताबिक इस क्षेत्र में 17वीं सदी में जीवदानी किले का निर्माण किया गया था. उस समय किले में अनेकों पानी के कुंड हुआ करते थे. वर्तमान में अधिकतम कुंड अभी सुख गए है. मान्यता कुछ ऐसी है की अपनी मनोकामनाए पूरी करने के लिए भक्त माता की मंदिर की चढ़ाई नंगे पैर करते हैं. शुक्रवार और रविवार इस मंदिर में भक्तों की भरी भीड़ लगती है. अब इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लिफ्ट भी लगा दिया गया है.

About

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *